NEET(National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। 18 जुलाई की इस सुनवाई में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को अंतिम निर्णय सुनाने का आश्वासन दिया है। नीट के री-एक्जाम को लेकर हो रही इस सुनवाई का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि हजारों छात्र-छात्राएं इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
NEET EXAM पर विवाद की जड़ें
NEET EXAM को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने पर सवाल उठे। इसके बाद, एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने RE-NEET EXAM का आयोजन किया, जिसका परिणाम भी प्रकाशित हो चुका है। इस पूरे मामले में कुल 254 पिटीशन्स दाखिल की गईं, जिनमें से 131 पिटीशन्स RE-NEET के पक्ष में थीं।
लंच से पहले की सुनवाई का सारांश
सुबह 11:40 बजे सुनवाई शुरू हुई और लंच से पहले की सुनवाई में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एनटीए से पूछा कि जब करेक्शन विंडो 9 से 10 तारीख के बीच खुली थी, तो कितने छात्रों ने अपने परीक्षा केंद्र बदले थे। एनटीए ने अपने डेटा के आधार पर यह साबित करने की कोशिश की कि चुने गए छात्र पूरे देश में समान रूप से वितरित थे और किसी एक क्षेत्र में अधिक नहीं थे।
लंच के बाद की सुनवाई का सारांश
लंच के बाद की सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह सभी छात्रों के परिणामों को सार्वजनिक करे, लेकिन छात्रों की पहचान को मास्क करके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि एनटीए को 5 बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन एनटीए ने समय बढ़ाने की मांग की, जिसके बाद उन्हें शनिवार सुबह 12 बजे तक का समय दिया गया।
काउंसलिंग पर स्टे की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि काउंसलिंग पर स्टे की मांग का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि काउंसलिंग 24 जुलाई से शुरू हो रही है और इस मामले का निपटारा 22 जुलाई को हो जाएगा।
RE-NEET के चांस: सुप्रीम कोर्ट का नजरिया
आज की सुनवाई से स्पष्ट हो गया कि RE-NEET के चांसेस बहुत ही कम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह मान लिया कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था, लेकिन इसे एक स्थानीय मामला माना जाएगा। जब तक यह साबित नहीं होता कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर हुआ था, तब तक री-नीट की संभावना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पटना पुलिस और EOU की रिपोर्ट मांगी है, जिसे अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत किया जाएगा। इस सुनवाई से यह समझ में आया कि सुप्रीम कोर्ट किस दिशा में आगे बढ़ रहा है और RE-NEET के चांस लगभग नगण्य हैं।
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Supreme Court की सुनवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि 22 जुलाई को NEET EXAM को लेकर अंतिम निर्णय सुनाया जाएगा। पटना और हजारीबाग में पेपर लीक को एक स्थानीय मामला मानते हुए, RE-NEET के चांसेस बहुत कम हैं। छात्रों को अब सोमवार का इंतजार करना होगा जब सुप्रीम कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। तब तक, सभी छात्रों को अपनी तैयारी जारी रखनी चाहिए और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।