जेल का ताला टूट गया, Hemant Soren छूट गया |
परिचय
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची हाई कोर्ट से मिली जमानत की खबर ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। पाँच महीने बाद उनकी जेल से रिहाई होने वाली है। आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी विस्तार से।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी: एक नज़र
Hemant Soren को 31 जनवरी को जमीन घोटाले के आरोप में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने गिरफ्तार किया था। उन पर 8.50 एकड़ जमीन के घोटाले का आरोप लगाया गया था। विपक्ष ने आरोप लगाया कि BJP और केंद्र सरकार ने अपने एजेंसियों का उपयोग करके उन्हें फंसाया है। सोरेन ने संसद में बयान दिया था कि अगर आरोप साबित होते हैं, तो वे राजनीति छोड़ देंगे।
Ranchi High Court(रांची हाई कोर्ट) का फैसला
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस रंजन मुखोपाध्याय की अदालत ने हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए नियमित जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि ईडी ने उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं। इसके बाद से ही सोरेन के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के समय विपक्ष ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि बीजेपी विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है ताकि उन्हें कमजोर किया जा सके। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जोरदार बहस हो रही है। कई लोगों का मानना है कि सोरेन को राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।
हेमंत सोरेन का पक्ष
हेमंत सोरेन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उनका कहना था कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने चुनौती दी थी कि अगर कोई उनके खिलाफ 8.50 एकड़ जमीन के घोटाले के सबूत पेश कर दे, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। सोरेन ने कहा था, “अगर यह साबित हो जाता है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। यह झूठे आरोप हैं ताकि विपक्ष को कमजोर किया जा सके।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोरेन की जमानत की खबर से सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। लोग कह रहे हैं कि “सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।” कई लोग मोदी सरकार पर तानाशाही के आरोप लगा रहे हैं और हेमंत सोरेन को निर्दोष बता रहे हैं।
जेल से रिहाई का इंतजार
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि 29 जून को हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ सकते हैं। झारखंड की जनता के लिए यह बहुत बड़ी खबर है। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर नारे लगा रहे हैं कि “जेल का ताला टूट गया, हेमंत सोरेन छूट गया।”
भविष्य की राजनीति पर प्रभाव
हेमंत सोरेन की रिहाई Jharkhand politics में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। उनकी वापसी से विपक्ष को बल मिलेगा और सरकार को जवाब देना मुश्किल हो सकता है। इस मामले ने एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट कर दिया है और आने वाले चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
Hemant Soren के स्वागत की तैयारियाँ
सोरेन के समर्थक उनके स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं। जगह-जगह बैनर और पोस्टर लगाए जा रहे हैं। लोग उन्हें हीरो की तरह सम्मानित करना चाहते हैं और उनकी रिहाई को लोकतंत्र की जीत मान रहे हैं।
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निष्कर्ष
हेमंत सोरेन की जमानत और संभावित रिहाई ने झारखंड की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। यह मामला भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। सोरेन की रिहाई से विपक्ष को बल मिलेगा और जनता के बीच उनका समर्थन बढ़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस मामले का झारखंड की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।