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PM Modi ने लाल किले से की चौंकाने वाली घोषणाएं

PM मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण
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PM Modi ने दिल्ली के लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उनका यह संबोधन न केवल देश की वर्तमान चुनौतियों को लेकर था, बल्कि उन्होंने भविष्य की दिशा भी स्पष्ट की। अपने इस भाषण में पीएम मोदी ने पड़ोसी देशों से लेकर घरेलू मुद्दों तक हर विषय पर बात की, जो देशवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइए, उनके इस महत्वपूर्ण भाषण के प्रमुख बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैं।

PM मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण: भ्रष्टाचार, परिवारवाद, और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सीधा प्रहार! #IndependenceDay #PMModiSpeech #NewIndia

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परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर प्रहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि देश में राजनीति को परिवारवाद से मुक्त करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि सरकार ऐसे 1 लाख युवाओं को राजनीति में लाने की योजना बना रही है जिनका राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है। उनका कहना था कि राजनीति में ताजगी और नए विचारों की आवश्यकता है, जिससे लोकतंत्र मजबूत हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। भ्रष्टाचारियों से दूरी बनाना समाज के लिए अनिवार्य है। इस संदर्भ में उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने में सरकार का साथ दें।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जोर

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि देश में एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। यह संहिता न केवल समाज को धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों से मुक्त करेगी, बल्कि देश को एक आधुनिक और समावेशी समाज बनाने में मदद करेगी। इस मुद्दे पर उन्होंने राजनीतिक दलों से भी सहयोग की अपील की।

बांग्लादेश और हिंदुओं की सुरक्षा पर चिंता

बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा पर भी पीएम मोदी ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति और सहयोग के मार्ग पर चलना चाहता है, लेकिन हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित होना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे और वहां की सरकार हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगी।

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2036 में ओलंपिक आयोजन की इच्छा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में एक और बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि भारत 2036 के ओलंपिक खेलों का आयोजन करना चाहता है। इसके लिए भारत ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने जी-20 का सफल आयोजन करके यह साबित किया है कि वह वैश्विक मंच पर बड़े आयोजन कर सकता है। अब भारत की नजरें 2036 के ओलंपिक पर हैं, जिसे वह अपने देश में आयोजित करना चाहता है।

कोलकाता रेप और मर्डर केस पर सख्त बयान

कोलकाता में हाल ही में हुए रेप और मर्डर केस पर पीएम मोदी ने सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को ऐसे उदाहरण पेश करने चाहिए जिससे कोई भी व्यक्ति महिलाओं के साथ ऐसी घटनाओं को अंजाम देने की हिमाकत न कर सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की न्याय प्रणाली को और मजबूत किया जाए ताकि अपराधियों में कानून का भय बना रहे।

डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ता भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले भारत विदेशी देशों से हथियार और गोला-बारूद इंपोर्ट करता था, लेकिन अब देश आत्मनिर्भर बन चुका है। भारत ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब बनने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं और अब वह अन्य देशों को भी हथियार निर्यात करने की क्षमता रखता है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके यह साबित कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।

मणिपुर हिंसा और पूर्वोत्तर की शांति की दिशा में प्रयास

मणिपुर और पूर्वोत्तर में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर शांति की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन इस शांति को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति ही समाधान का एकमात्र रास्ता है और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मणिपुर में फिर से हिंसा न हो।

देश के विकास के लिए 2047 का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहिए और इसे दुनिया का स्किल कैपिटल और मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि जैसे 40 करोड़ भारतीयों ने भारत को आजाद कराया, वैसे ही 140 करोड़ भारतीय मिलकर भारत को विकसित बना सकते हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार

प्रधानमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल शिक्षा के लिए 75,000 नई सीटें बनाई जाएंगी। इससे देश के युवाओं को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा और उन्हें विदेश जाने की आवश्यकता नहीं होगी। मोदी ने कहा कि सरकार ने देश में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित किया है।

कृषि और किसानों की उन्नति पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है और सरकार इस दिशा में कई योजनाएं ला रही है। मोदी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए किसानों की उन्नति बेहद जरूरी है।

भाषा और टैलेंट के बीच की दूरी को खत्म करना

प्रधानमंत्री मोदी ने भाषाई बाधाओं को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया गया है, जिससे देश के बच्चे अपनी भाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही, उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार करने की भी बात कही, जो भारत की प्राचीन गौरवशाली शिक्षा प्रणाली का प्रतीक है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ आया, जिसमें उन्होंने भारत के विकास, सुरक्षा और सामाजिक सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे एकजुट होकर देश को 2047 तक विकसित बनाने के लिए काम करें। पीएम मोदी के इस भाषण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं और नीतियां तैयार हैं, लेकिन इन्हें सफल बनाने के लिए देशवासियों का सहयोग भी उतना ही जरूरी है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री के इन वादों और घोषणाओं का देश पर क्या प्रभाव पड़ता है और भारत किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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