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लखनऊ में जन्मी नई धड़कन, सिर्फ 25 सप्ताह की छोटी बच्ची ने सबको हिला के रख दिया

लखनऊ में जन्मी नई धड़कन, सिर्फ 25 सप्ताह की छोटी बच्ची ने सबको हिला के रख दिया
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लखनऊ से इस वक्त की एक खबर निकल कर आ रही है जहां बताया जा रहा है कि लगभग 9 महीने के समय से पहले एक बच्ची का जन्म हुआ है। बताया जा रहा गई कि बच्ची के जन्म के समय वह केवल 25 सप्ताह की है और उसका वजन लगभग 685 ग्राम था। आपको बता दें कि मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई ये सबसे छोटी बच्ची है।

लखनऊ में जन्मी नई धड़कन, सिर्फ 25 सप्ताह की छोटी बच्ची ने सबको हिला के रख दिया

लखनऊ के एक अस्पताल ने हाल ही में एक अद्वितीय घटना का सामना किया जहां एक माता के गर्भ से निकली एक सिर्फ 25 सप्ताह की बच्ची ने सभी को चौंका दिया है। इस अद्वितीय घटना का सबसे बड़ा रोचक तत्व यह है कि बच्ची का वजन केवल 685 ग्राम है जो की काफी ज्यादा कम है।

बच्ची का जन्म मात्र 25 सप्ताह के गर्भावस्था में हुआ है, जो चिकित्सा मानकों के अनुसार अत्यंत प्रीमेच्योर है। इस घटना ने मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में चर्चाएं तेज़ की हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि बच्ची का जन्म बहुत ही संघर्षशील रहा है और उनकी देखभाल विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है।

इस असाधारण प्रसंग के संदर्भ में, अस्पताल के वरिष्ठ आकाश पंडित ने बताया, इस तरह के मामलों में बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखभाल में विशेषता रखनी पड़ती है। हमने बच्ची के लिए एक विशेष देखभाल योजना बनाई है और हर संभावित प्रसंग के लिए तैयार रहें हैं।

इस समाचार ने लोगों में आश्चर्य और उत्साह दोनों भर दिए हैं। बच्ची की नयी धड़कन ने स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी संकेतों के साथ-साथ समाज में भी एक नया संदेश दिया है। इस घटना ने समाज में एक नए सोच को उत्पन्न किया है कि किस प्रकार छोटे बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर हमें अधिक जागरूकता बढ़ानी चाहिए।

दिसंबर 2023 में जन्मे, पेट में रिसाव से जुड़ी गंभीर स्थिति के कारण तत्काल प्रसव आवश्यक हो गया था। फेफड़ों की समस्याओं के कारण उन्हें साढ़े तीन महीने तक एनआईसीयू देखभाल और उसके बाद बार-बार अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ी। नवजात शिशु के औसत वजन 2,900 ग्राम का केवल 23% वजन के साथ पैदा हुए बच्चे के अंग अविकसित थे, जिन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता थी।

बच्चे की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर आकाश पंडित ने कहा, ‘समय से पहले जन्म के कारण उसके अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हुए थे। उसे एनआईसीयू में साढ़े तीन महीने से अधिक की गहन देखभाल की आवश्यकता थी। बच्चे को इनवेसिव सर्फेक्टेंट एडमिनिस्ट्रेशन के माध्यम से सर्फेक्टेंट दिया गया, एक ऐसी तकनीक जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना ऑक्सीजन प्रदान करती है।

उन्होंने कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि वह किसी भी स्वास्थ्य समस्या से मुक्त हैं।”

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