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Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर संकट: एनएमसी की जांच में खुलासे

उत्तर प्रदेश में मेडिकल शिक्षा पर बड़ा सवाल 13 कॉलेजों की मान्यता अधर में!
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उत्तर प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर संशय, एनएमसी की टीम ने की जांच

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया गया है। लेकिन, इन कॉलेजों की मान्यता को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की तरफ से संदेह जताया जा रहा है। एनएमसी की टीम ने हाल ही में 13 मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया है, जिनकी मान्यता प्राप्त होने में अभी तक अनिश्चितता बनी हुई है।

मेडिकल कॉलेजों की स्थिति

प्रदेश में कुशीनगर, कौशांबी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, ओरैया, सोनभद्र, बुलंदशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली, और लखीमपुर खीरी जिलों में स्थित 13 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इन कॉलेजों को चालू करने की तैयारी 2023-24 से चल रही थी, और उम्मीद की जा रही थी कि 2024-25 से इन कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

एनएमसी की निरीक्षण रिपोर्ट

24 जून को एनएमसी की टीम ने इन कॉलेजों का स्थानीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि कई कॉलेजों में संकाय सदस्यों की कमी है और कुछ कॉलेजों में एक ही प्रधानाचार्य के पास दो-दो कॉलेजों का चार्ज है। इसके चलते एनएमसी ने अभी तक किसी भी कॉलेज को मान्यता प्रदान नहीं की है।

निरीक्षण के एक सप्ताह बाद वर्चुअल समीक्षा भी की गई, लेकिन फिर भी मान्यता देने का निर्णय नहीं लिया गया। इस स्थिति में प्रदेश में 31 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 3828 सीटों और निजी क्षेत्र की 5450 सीटों पर काउंसिलिंग की तैयारी चल रही है। इसी तरह बीडीएस की सरकारी क्षेत्र की 70 और निजी क्षेत्र की 2200 सीटों पर काउंसिलिंग की जा रही है।

मान्यता का महत्व

इन नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता प्राप्त होने पर प्रदेश में एमबीबीएस की 1300 अतिरिक्त सीटें बढ़ जाएंगी। इससे न केवल छात्रों को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी सुदृढ़ होंगी।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की उम्मीदें

फिलहाल, इन कॉलेजों की मान्यता पर असमंजस बना हुआ है, और एनएमसी द्वारा अगले कदम की प्रतीक्षा की जा रही है। यह उम्मीद की जा रही है कि एनएमसी जल्द ही इन कॉलेजों को मान्यता प्रदान करेगी, जिससे छात्रों और चिकित्सा क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा।

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उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया अभी भी अधर में लटकी हुई है। एनएमसी की टीम ने निरीक्षण में कई खामियों को उजागर किया है, जिनके कारण मान्यता मिलने में देरी हो रही है। हालांकि, प्रदेश सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि इन कॉलेजों को जल्द ही मान्यता मिले ताकि मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर उत्पन्न हो सकें और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके। आने वाले समय में एनएमसी से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद की जा रही है, जो प्रदेश के मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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