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Lucknow News: ‘सुविधा शुल्क’ की घोषणा: LDA का बड़ा कदम

एलडीए का बड़ा कदम लखनऊ में लगेगा नया 'सुख-सुविधा शुल्क', जानें क्या होगा असर
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उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow से एक बड़ी खबर सामने आई है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) द्वारा शहरवासियों पर एक नया ‘सुविधा शुल्क’ लगाने की घोषणा की गई है। यह नया शुल्क, जिसे ‘सुख-सुविधा शुल्क’ नाम दिया गया है, पूरे लखनऊ जिले में लागू होने जा रहा है। इस शुल्क के लागू होने से लखनऊ के निवासियों को एक नई आर्थिक जिम्मेदारी का सामना करना पड़ेगा।

ग्रीन कॉरिडोर में सफलता के बाद पूरे Lucknow में लागू होगा शुल्क

एलडीए ने सबसे पहले यह शुल्क Lucknow के ग्रीन कॉरिडोर क्षेत्र में लागू किया था। यहां पर इस शुल्क से 88 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। ग्रीन कॉरिडोर में जो भी निर्माण के लिए नक्शे पास कराता है, उसे यह सुख-सुविधा शुल्क देना होता है। इस सफलता को देखते हुए, LDA अब पूरे लखनऊ में यह शुल्क लागू करने की योजना बना रहा है।

LDA का विस्तार और शुल्क की दर

LDA का दायरा पहले 1000 वर्ग किलोमीटर था, लेकिन अब यह 2500 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इसके तहत लखनऊ जिला के सभी गांव और मजरे भी शामिल हो गए हैं। पहले जिन इलाकों में जिला पंचायत से नक्शा पास होता था, अब वहां भी मकान, कॉलोनी या अपार्टमेंट बनाने से पहले एलडीए से नक्शा पास कराना होगा।

एलडीए सूत्रों के अनुसार, प्राधिकरण ने इस शुल्क को 350 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 180 से 250 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बीच रखने की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव को बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा और इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।

गांवों में भी लागू होगा सुख-सुविधा शुल्क

LDA के नए विस्तार के तहत अब Luckniw के सभी गांवों और मजरों में भी निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के लिए सुख-सुविधा शुल्क देना होगा। इसका उद्देश्य लखनऊ जिले का समान रूप से विकास करना है ताकि बिल्डर आम लोगों को अवैध कॉलोनियों में ठग ना सकें, जहां सड़क, बिजली, नाला और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी हो।

यूपी कैबिनेट का फैसला

विशेष सुख-सुविधा शुल्क की व्यवस्था वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक का निर्णय है। यूपी कैबिनेट के फैसले के बाद एलडीए ने पहले Lucknow के ग्रीन कॉरिडोर में यह शुल्क लागू किया था। इसके बाद इसे पूरे लखनऊ में लागू करने की तैयारी चल रही है।

LDA उपाध्यक्ष की प्रतिक्रिया

LDA के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि एलडीए के अध्यक्ष रोशन जैकब को इस प्रस्ताव की जानकारी दी गई है और इस पर उनकी सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। इस नए शुल्क से एलडीए को उम्मीद है कि शहर के विकास में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

नए शुल्क का प्रभाव

लखनऊ में इस नए सुख-सुविधा शुल्क के लागू होने से शहर के विकास में एक नया मोड़ आने की संभावना है। इसके माध्यम से एलडीए को आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे वह बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर सकेगा। हालांकि, इस शुल्क के लागू होने से नागरिकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा, जिससे कुछ नाराजगी भी हो सकती है।

नागरिकों की प्रतिक्रिया

इस नए शुल्क के लागू होने पर लखनऊ के नागरिकों की मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह शुल्क शहर के विकास के लिए जरूरी है, जबकि कुछ लोग इसे एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ मानते हैं।

भविष्य की योजनाएं

एलडीए ने इस नए शुल्क को लागू करने के बाद शहर के विभिन्न हिस्सों में विकास कार्यों की योजना बनाई है। इसमें सड़क, बिजली, पानी और नाले जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना शामिल है। इसके साथ ही, अवैध कॉलोनियों और निर्माण कार्यों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

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लखनऊ में एलडीए द्वारा लागू किया जा रहा यह नया ‘सुविधा शुल्क’ शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, इसके आर्थिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, नागरिकों की चिंताओं को भी समझना जरूरी है। आखिरकार, यह देखा जाना बाकी है कि यह नया शुल्क शहर के विकास में कितना योगदान देता है और नागरिकों के जीवन को कैसे प्रभावित करता है।

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