भारत के आर्थिक परिदृश्य में 23 जुलाई एक महत्वपूर्ण तारीख बनने जा रही है, क्योंकि इस दिन देश का आम Budget पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman Modi government की तीसरी पारी का पहला बजट पेश करेंगी। हर बार की तरह इस बार भी आम जनता, बिजनेसमैन, और विभिन्न सेक्टर्स की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं। आइए, जानते हैं कि इस बजट से क्या-क्या उम्मीदें हैं और किस प्रकार ये बजट विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
Budget 2024 Middle Class की उम्मीदें: टैक्स में छूट की मांग
Middle Class के लोगों को इस बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं, खासकर टैक्स में छूट को लेकर। उम्मीद है कि इस बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव और टैक्सेशन प्रोसेस को और भी आसान और अनुकूल बनाने के प्रयास किए जाएंगे। वर्तमान में, नई टैक्स व्यवस्था में अधिकतम टैक्स 25% है, जिसे पुरानी व्यवस्था के लिए भी लागू किए जाने की संभावना है।
वर्तमान में, इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में कटौती की सीमा 1.5 लाख है, जो 2014-15 के बाद से अपरिवर्तित है। Middle Class को बड़ी राहत देने के लिए इसे बढ़ाकर 2 लाख किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट भी बढ़ाकर 1 लाख रुपए की जा सकती है, जिससे टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
व्यवसायियों की अपेक्षाएं: सरल और स्पष्ट कर प्रणाली
बिजनेसमैन और उद्यमियों के लिए एक सरल और स्पष्ट कर प्रणाली की अपेक्षा है। उन्हें उम्मीद है कि बजट में कुछ ऐसी योजनाएं और प्रावधान होंगे, जो उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। कई छोटे और मझोले उद्यमियों को आशा है कि सरकार टैक्सेशन प्रोसेस को और भी सरल बनाएगी, जिससे उन्हें व्यापार करने में आसानी हो सके।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र: निवेश और प्रोत्साहन
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को भी इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। स्वास्थ्य बीमा और एनपीएस (National Pension System) योगदान जैसे लाभों का विस्तार करके सरकार स्वास्थ्य सेवा की सुलभता बढ़ाने की योजना बना सकती है। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई योजनाएं ला सकती है, जिससे इस क्षेत्र में गुणवत्ता और उपलब्धता दोनों में सुधार हो सके।
पर्यावरण और सतत विकास: हरित योजनाएं
पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए, सरकार कई हरित योजनाएं और प्रावधान ला सकती है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने, और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए विभिन्न योजनाएं शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, सरकार विभिन्न उद्योगों को सतत विकास की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
बुनियादी ढांचे का विकास: रोडमैप और योजनाएं
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार का विशेष ध्यान हो सकता है। सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, और बंदरगाहों के निर्माण और सुधार के लिए बजट में विशेष प्रावधान हो सकते हैं। इसके साथ ही, स्मार्ट सिटी योजनाओं को भी गति देने के लिए अतिरिक्त फंड्स की घोषणा की जा सकती है। इससे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रावधान
महिलाओं और युवाओं के लिए भी इस बजट में विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है। महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला सकती है। इसके अलावा, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों की उम्मीदें
कृषि और ग्रामीण विकास के लिए भी इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। किसानों को फसलों के उचित मूल्य, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और कृषि उपकरणों की सुलभता के लिए सरकार से सहायता की अपेक्षा है। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान हो सकते हैं।
वित्तीय समावेशन: डिजिटल इंडिया की दिशा में
डिजिटल इंडिया की दिशा में आगे बढ़ते हुए, सरकार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं ला सकती है। डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने, इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने, और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला सकती है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में और भी सशक्त बनाया जा सकेगा।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA): छूट में बदलाव की उम्मीद
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी छूट की उम्मीद की जा रही है। विभिन्न शहरों के हिसाब से tax exemption मिलती है, और इस बार 50% छूट वाली श्रेणी में कुछ और शहरों को भी शामिल किया जा सकता है। एचआरए की कैलकुलेशन भुगतान किए गए वास्तविक किराए, मूल वेतन और घर की लोकेशन पर निर्भर करती है। इससे Middle Class के लोगों को किराए के बोझ से राहत मिलेगी।
संपत्ति कर: संपत्ति निवेशकों की उम्मीदें
संपत्ति कर में भी कुछ बदलाव की उम्मीद की जा रही है, जिससे संपत्ति निवेशकों को लाभ हो सके। सरकार संपत्ति कर की दरों को कम करने और संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर सकती है। इससे संपत्ति बाजार में वृद्धि हो सकती है और निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
आर्थिक बहिष्कार का मुद्दा: सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि दुकानदारों को उनकी पहचान बताने की कोई जरूरत नहीं है। यह याचिका एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) नामक एनजीओ ने दाखिल की थी। याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि अल्पसंख्यकों की पहचान के जरिए उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है, जो चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि होटल चलाने वालों को केवल भोजन के प्रकार (शाकाहारी या मांसाहारी) की जानकारी देनी होगी, लेकिन उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार की योजना: बजट में नए सुधार
सरकार की योजना है कि बजट में कुछ नए सुधार लाए जाएं, जिससे जनता को अधिक से अधिक लाभ हो सके। इसके लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और निवेश की योजना बना रही है। टैक्स स्लैब में बदलाव, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
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इस बजट से जनता को बहुत सी उम्मीदें हैं और सरकार भी इस बजट को जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाने के लिए प्रयासरत है। टैक्स में छूट, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश, बुनियादी ढांचे का विकास, और डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सरकार कुछ नए प्रावधान ला सकती है। उम्मीद है कि इस बजट से जनता को राहत मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जनता की उम्मीदें और सरकार की योजनाएं दोनों ही इस बजट को महत्वपूर्ण बनाती हैं। अब देखना यह है कि वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman किस प्रकार से इन उम्मीदों पर खरा उतरती हैं और बजट को कैसे तैयार करती हैं। जनता की अपेक्षाएं बहुत अधिक हैं, और सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। हमें उम्मीद है कि यह बजट देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।