लखनऊ में चलेगा फिर से अवैध कब्जा करने वालों पर बुल्डोजर, कुकरैल नदी को फिर से जीवित करने की मुहिम तेज
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से इस वक्त की बड़ी खबर निकलकर आ रही है। लखनऊ के कुकरैल नदी के दोनों तरफ 50 मीटर के दायरे में आने वाले अवैध कब्जों को तोड़ा जाएगा। यह अभियान कुकरैल नदी को फिर से जीवित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
कुकरैल नदी की वर्तमान स्थिति
कुकरैल नदी, लखनऊ की एक महत्वपूर्ण जलधारा, पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते अवैध कब्जों का शिकार हो गई है। अवैध निर्माणों ने नदी की धारा को बाधित कर दिया है, जिससे नदी का पानी ठहराव में बदल गया है और प्रदूषण बढ़ गया है। इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
अवैध कब्जा पर बुल्डोजरों का अभियान
लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने सोमवार को इस अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत कुकरैल नदी के किनारे स्थित सभी अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में पंतनगर, आदिल नगर और अबरार नगर में अवैध निर्माण गिराए जाएंगे।
अधिकारीयों का बयान
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि कुकरैल नदी के उद्गम स्थल बक्शी का तालाब के गांव अस्ति से लेकर 30 मीटर के दायरे में आने वाले सभी मकानों को ढहाया जाएगा। यह अभियान उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चलाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
अवैध निर्माणों को गिराने के फैसले से स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल है। कई मकान इस दायरे में आ रहे हैं और लोगों को उनके घरों से बेदखल होने का डर सता रहा है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और नदी को स्वच्छ रखने में मदद करें।
स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूकता
यह अभियान न केवल नदी के प्राकृतिक जीवन को सुरक्षित करने का एक प्रयास है, बल्कि स्थानीय लोगों को स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के प्रति भी जागरूक करेगा। अवैध कब्जों को हटाकर कुकरैल नदी को फिर से जीवित किया जा सकेगा और क्षेत्र में जल संकट को भी कम किया जा सकेगा।
पहले की कार्रवाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इससे पहले भी अवैध निर्माणों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। अकबर नगर में 1800 के करीब अवैध निर्माण गिराए गए हैं और मलबा हटाने का ठेका दिया गया है। यह कदम दर्शाता है कि प्रशासन अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त है और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
कुकरैल नदी का पुनर्जीवन
कुकरैल नदी का पुनर्जीवन एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह नदी लखनऊ के जलस्रोतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसे संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। अवैध कब्जों को हटाकर नदी के प्राकृतिक प्रवाह को पुनः स्थापित किया जाएगा, जिससे न केवल जल संकट कम होगा बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पुलिस और नगर निगम के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। संयुक्त सर्वेक्षण किया जा रहा है और अवैध निर्माणों की पहचान की जा रही है।
सामाजिक प्रभाव
यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का एक कदम है, बल्कि स्थानीय समाज को स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति भी जागरूक करेगा।
लखनऊ के कुकरैल नदी के अवैध कब्जों के खिलाफ बुल्डोजरों का अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से नदी के प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित किया जा सकेगा और स्थानीय लोगों को भी स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
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इस अभियान के सफल होने पर न केवल कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा सकेगा, बल्कि लखनऊ के पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
1. कुकरैल नदी का पुनर्जीवन क्यों महत्वपूर्ण है? कुकरैल नदी लखनऊ के जलस्रोतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसे संरक्षित करने से न केवल जल संकट कम होगा, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
2. अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया कैसे होगी? लखनऊ विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम अवैध कब्जों की पहचान कर उन्हें हटाएगी।
3. स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया क्या है? स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है, लेकिन प्रशासन उनसे सहयोग की अपील कर रहा है।
4. क्या इस अभियान का कोई कानूनी आधार है? हां, यह अभियान उच्च न्यायालय के आदेशानुसार चलाया जा रहा है।
5. इस अभियान से क्या लाभ होगा? इस अभियान से कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा सकेगा और स्थानीय पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकेगा।
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