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Loan लेने का है प्लान? पहले जान लें एसबीआई और अन्य बैंकों की नई ब्याज दरें!

SBI से Loan लेना हुआ महंगा
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हाल ही में भारतीय बैंकों ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और Loan की ब्याज दरों में बदलाव किया है। इन बदलावों का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जिन्होंने Loan लिया हुआ है या फिर लेने की योजना बना रहे हैं। आइए जानते हैं, इन बदलावों का क्या प्रभाव पड़ेगा और आप कैसे अपने वित्तीय फैसलों को इस नई स्थिति के अनुसार ढाल सकते हैं।

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एसबीआई ने बढ़ाई Loan की दरें

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी सभी प्रकार के Loan पर लागू होगी, चाहे वह होम लोन हो, पर्सनल लोन हो या ऑटो लोन। इसका सीधा असर यह होगा कि जिन ग्राहकों ने पहले से ही लोन लिया हुआ है, उनकी ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी। साथ ही, जो ग्राहक अब लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा।

उदाहरण के लिए, यदि आपने पहले ही SBI से 20 लाख रुपये का होम Loan लिया है और उसकी अवधि 20 साल की है, तो एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि के बाद आपकी मासिक किस्त में बढ़ोतरी हो सकती है। यह वृद्धि छोटे लग सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके कुल ब्याज में एक महत्वपूर्ण अंतर ला सकती है।

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एफडी दरों में बढ़ोतरी

जिन निवेशकों ने अपनी राशि को सुरक्षित और लाभकारी मानते हुए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश किया है, उनके लिए भी अच्छी खबर है। कई बैंकों ने अपनी एफडी दरों में मामूली बढ़ोतरी की है। उदाहरण के लिए, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने 1 से 3 साल की अवधि के लिए अपनी एफडी की दरों में 0.1% की वृद्धि की है।

यदि आप एक साल की अवधि के लिए एफडी कराना चाहते हैं, तो आपको बैंक ऑफ बड़ौदा से 6.85% का ब्याज मिलेगा, जो वर्तमान में सबसे उच्चतम दर है। वहीं, नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट स्कीम, जो कि पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध है, उसमें आपको 6.9% तक ब्याज मिलेगा। यह योजना एक सुरक्षित विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो सरकारी योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं।

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विभिन्न बैंकों की एफडी दरों का तुलनात्मक अध्ययन

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि अलग-अलग बैंकों में एफडी की दरें क्या हैं, तो यह अध्ययन आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। एक साल की अवधि के लिए, एचडीएफसी बैंक 6.85% की दर से ब्याज दे रहा है, जबकि पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया 6.80% ब्याज दे रहे हैं।

दो साल की अवधि के लिए, आईसीआईसीआई बैंक 7% की दर से ब्याज दे रहा है, जो कि नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट स्कीम से भी अधिक है। एसबीआई और बैंक ऑफ इंडिया भी 6.75% की दर से ब्याज दे रहे हैं, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा 6.85% की दर से ब्याज प्रदान कर रहा है।

तीन साल की अवधि के लिए, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 7% ब्याज दे रहे हैं, जो कि इस अवधि के लिए सबसे उच्चतम दर है। नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट स्कीम इस अवधि के लिए 7.5% की दर से ब्याज प्रदान करती है, जो कि सबसे सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है।

एफडी के फायदे और सावधानियां

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो जोखिम से बचना चाहते हैं। यह एक निर्धारित अवधि के लिए निश्चित ब्याज दर के साथ आता है, जिससे निवेशक को यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें उनकी जमा राशि पर एक निश्चित रिटर्न मिलेगा। हालांकि, एफडी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह एक निर्धारित अवधि के लिए लॉक-इन रहता है और इसे तोड़ने पर आपको पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।

इसके अलावा, वर्तमान ब्याज दरों को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश को समय-समय पर रिव्यू करें। अगर आपको लगता है कि एक बैंक की एफडी दरें बेहतर हैं, तो आप अपना निवेश वहां शिफ्ट कर सकते हैं।

लोन लेने से पहले क्या ध्यान दें

यदि आप किसी बैंक से लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले उस बैंक की एमसीएलआर दरों को समझना जरूरी है। यह दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं, और इससे आपके लोन की ईएमआई प्रभावित हो सकती है। एसबीआई जैसे बड़े बैंक की एमसीएलआर दरों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद, अन्य बैंक भी अपनी दरें बढ़ा सकते हैं। इसलिए, लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप विभिन्न बैंकों की दरों की तुलना कर रहे हैं और अपने लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन रहे हैं।

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बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में हुए इन बदलावों का सीधा असर आपके वित्तीय निर्णयों पर पड़ सकता है। यदि आपने लोन लिया है, तो आपकी ईएमआई बढ़ सकती है, और अगर आप निवेश कर रहे हैं, तो एफडी की बढ़ी हुई दरें आपको थोड़ा अधिक रिटर्न दिला सकती हैं। यह जरूरी है कि आप समय-समय पर अपने वित्तीय निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन करें और वर्तमान स्थितियों के अनुसार अपनी रणनीति बनाएं। चाहे वह लोन लेना हो या निवेश करना, हर स्थिति में सही निर्णय लेना आपकी आर्थिक सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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