इस वक्त की सबसे बड़ी खबर ये है कि बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर हो रही सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने एक अहम सवाल उठाया है। बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, और राहुल गांधी ने इसी मुद्दे पर चर्चा के दौरान सवाल किया कि क्या बांग्लादेश में हालिया घटनाओं के पीछे किसी विदेशी ताकत का हाथ है?
राहुल गांधी के इस सवाल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल इस पर कोई ठोस निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत बांग्लादेश की स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ इन घटनाओं में होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस संदर्भ में जयशंकर ने उल्लेख किया कि एक पाकिस्तानी जनरल ने हाल ही में अपनी प्रोफाइल फोटो बदल दी है, जो इन घटनाओं से जुड़ी हुई हो सकती है।
बांग्लादेश के हालात पर भारत की नजर
बांग्लादेश में इस वक्त राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और भारत इस पर लगातार नजर बनाए हुए है। बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने भी इस पर चिंता जताई है और कहा है कि बांग्लादेश में हो रही घटनाओं का प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है।
राहुल गांधी ने यह सवाल ऐसे वक्त में उठाया है जब बांग्लादेश में हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। हालात को देखते हुए भारत सरकार बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रही है ताकि वहां की स्थिति को बेहतर किया जा सके और दोनों देशों के बीच रिश्तों में किसी प्रकार की खटास न आए।
विदेशी ताकतों का प्रभाव
राहुल गांधी का सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दक्षिण एशिया के इस क्षेत्र में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप हमेशा से एक चिंताजनक मुद्दा रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पहले भी कई बार बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर चुकी है। इस बार भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आईएसआई की भूमिका बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक संकट में हो सकती है।
हालांकि, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे पर संयम बरतने की सलाह दी है और कहा है कि स्थिति का सही मूल्यांकन करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर भारत की पूरी नजर है और कोई भी कार्रवाई सोच-समझकर ही की जाएगी।
भारत-बांग्लादेश संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं। दोनों देश सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। बांग्लादेश की आजादी के समय भी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रिश्ते बने हुए हैं।
हालांकि, हाल के दिनों में बांग्लादेश में जिस तरह की राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिली है, उसने दोनों देशों के बीच संबंधों को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है। भारत ने हमेशा बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल देने से बचने की कोशिश की है, लेकिन अगर वहां की स्थिति भारत की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बनती है, तो भारत को मजबूरन कुछ कदम उठाने पड़ सकते हैं।
भविष्य की रणनीति
इस सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की है। राहुल गांधी ने जहां विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप पर सवाल उठाया, वहीं अन्य विपक्षी नेताओं ने भी बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता जताई है।
जयशंकर ने सभी दलों को आश्वस्त किया कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से सतर्क है और बांग्लादेश की स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति को स्थिर करने के लिए हर संभव मदद करेगी और इसके लिए कूटनीतिक और सामरिक सभी स्तरों पर काम किया जाएगा।
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बांग्लादेश में इस वक्त जो हालात बने हुए हैं, वे न केवल बांग्लादेश के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए चिंता का विषय हैं। राहुल गांधी का सवाल इस ओर इशारा करता है कि भारत के नेताओं के बीच भी इस मुद्दे को लेकर गंभीरता है। बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन फिलहाल कुछ भी निश्चित तौर पर कहना जल्दबाजी होगी। भारत सरकार की पैनी नजर इस मामले पर बनी हुई है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है। भारत की प्राथमिकता बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखना है और इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेगा।