लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार की सुबह का सूरज कुछ अलग ही रंग लेकर आया। सहारा इंडिया के कई ठिकानों पर अचानक से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी ने हर किसी को चौंका दिया। यह छापेमारी चिटफंड कंपनी में हुए घोटाले से जुड़ी है, जिसमें ED की कोलकाता यूनिट और लखनऊ के कई अधिकारी शामिल थे।
Sahara के हेड ऑफिस पर छापेमारी
लखनऊ में कपूरथला स्थित सहारा के हेड ऑफिस में छापेमारी जारी है। ED के अधिकारी यहां पर जांच कर रहे हैं और सहारा के कर्मचारियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं। छापेमारी के दौरान सहारा के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और ऑफिस को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
कोलकाता और Lucknow में छापेमारी
यह रेड सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं रही। कोलकाता और लखनऊ दोनों शहरों में सहारा इंडिया के छह ठिकानों पर ईडी की रेड पड़ी। ईडी ने कई दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और सभी ठिकानों की बारीकी से जांच कर रही है।
हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का घोटाला
सूत्रों के अनुसार, कोलकाता स्थित सहारा ग्रुप की हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का कार्यालय है। पिछले कुछ सालों में सहारा इंडिया में करीब 25 हजार करोड़ रुपये निवेश किए गए थे। सहारा का दावा है कि यह रकम निवेशकों ने अपनी छोटी बचत के जरिए सोसाइटी में जमा की थी, लेकिन ईडी को शक है कि सहारा ग्रुप ने इस नकदी को जांच एजेंसियों की नजर से बचाने के लिए सोसाइटी में डायवर्ट कर दिया है।
निवेशकों की शिकायत और ED की कार्रवाई
निवेशकों ने अपनी रकम वापस न मिलने पर शिकायतें दर्ज कराई थीं। इन शिकायतों के आधार पर ईडी ने जांच पड़ताल शुरू की और नतीजा यह हुआ कि कोलकाता और लखनऊ में छापेमारी कर कई दस्तावेज जब्त किए गए और Sahara इंडिया के ऑफिस को सील कर दिया गया।
छापेमारी के दौरान अधिकारी
रेड के दौरान Sahara ऑफिस में दर्जनों अधिकारी मौजूद थे। सहारा के कर्मचारियों के लिए यह छापेमारी किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। सहारा के सभी ठिकानों की जांच जारी है और ईडी अधिकारी किसी भी तरह की जानकारी जुटाने में लगे हैं।
घोटाले की पृष्ठभूमि
सहारा इंडिया के खिलाफ चिटफंड घोटाला कोई नया मामला नहीं है। पिछले कुछ सालों में सहारा ग्रुप पर कई आरोप लगे हैं और यह ताजा कार्रवाई उसी कड़ी का हिस्सा है। निवेशकों की रकम को गलत तरीके से डायवर्ट करने का आरोप सहारा पर पहले भी लग चुका है और इस बार ईडी की नजरों से बच पाना सहारा के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
ईडी की कार्रवाई का असर
सहारा इंडिया के खिलाफ इस कार्रवाई से निवेशकों में विश्वास बहाली का प्रयास हो रहा है। ईडी की इस कार्रवाई का मकसद है कि निवेशकों की रकम को सुरक्षित रखा जाए और घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सहारा ग्रुप की प्रतिक्रिया
सहारा ग्रुप ने ईडी की इस कार्रवाई पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सहारा के कुछ अधिकारी इस मामले को साजिश करार दे रहे हैं और कह रहे हैं कि यह सब उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।
भविष्य की कार्रवाई
ईडी की इस छापेमारी से यह साफ हो गया है कि भविष्य में भी सहारा इंडिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। निवेशकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ईडी की इस तरह की कार्रवाई से दूसरे घोटालेबाजों को भी सख्त संदेश मिल रहा है।
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Lucknow और कोलकाता में सहारा इंडिया के ठिकानों पर ईडी की रेड ने एक बार फिर से चिटफंड घोटाले को सुर्खियों में ला दिया है। निवेशकों की रकम को सुरक्षित रखने और घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर यह रेड जोर देती है। यह देखना बाकी है कि आगे चलकर इस मामले में और कौन-कौन से खुलासे होते हैं और सहारा ग्रुप किस तरह से अपनी सफाई पेश करता है। ईडी की यह कार्रवाई देश के निवेशकों के लिए एक उम्मीद की किरण है कि उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित हाथों में है।