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Navi Mumbai में इंदिरा निवास बिल्डिंग धराशायी: मलबे में फंसे दर्जनों लोग!

इंदिरा निवास बिल्डिंग गिरने से शहर में हाहाकार 55 लोग बचाए गए, कई अभी भी फंसे!
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Navi Mumbai के बेलापुर इलाके में स्थित इंदिरा निवास बिल्डिंग के गिरने से आज सुबह पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह हादसा सुबह 4:30 बजे हुआ, जब बिल्डिंग अचानक धराशायी हो गई। इस हादसे में कई लोग मलबे में दब गए, जबकि 55 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत पर भी बल दिया।

हादसे का विवरण

इंदिरा निवास बिल्डिंग के गिरने की सूचना मिलने के बाद, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और मुंबई फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। बताया जा रहा है कि घटना के समय, कुछ रहवासियों ने वाइब्रेशंस को महसूस किया और तुरंत बाहर भाग गए। लेकिन दुर्भाग्यवश, कुछ लोग मलबे के नीचे फंस गए।

बचाव कार्य की चुनौतियां

बचाव कार्य काफी चुनौतीपूर्ण रहा। जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करके मलबे को हटाया जा रहा है, लेकिन तंग गलियों और आसपास के कमजोर ढांचों के कारण यह काम और भी मुश्किल हो गया है। एनडीआरएफ के जवानों के साथ-साथ मुंबई फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस स्टेशन, सिविल डिफेंस और अस्पताल के एम्बुलेंसस भी मौके पर तैनात हैं।

रहवासियों की चिंता

इस हादसे ने इंदिरा निवास के रहवासियों में भय और चिंता को बढ़ा दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह बिल्डिंग अकेली कमजोर संरचना नहीं थी, बल्कि इलाके में कई और भी ऐसी बिल्डिंग्स हैं जिन्हें क्लीयरेंस मिल चुका है, लेकिन वे वास्तव में कमजोर हैं। रहवासियों का मानना है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए इन बिल्डिंग्स की जांच और पुनर्निर्माण आवश्यक है।

हाल की घटनाएं

यह हादसा पिछले तीन हफ्तों में दूसरा बड़ा हादसा है। कुछ हफ्ते पहले, ग्रंट रोड वेस्ट इलाके में एक बिल्डिंग गिरने से एक वरिष्ठ नागरिक महिला की मौत हो गई थी। हर साल मानसून के मौसम में, मुंबई और Navi Mumbai में ऐसी घटनाएं आम हो जाती हैं। बारिश के कारण पुराने और कमजोर ढांचों पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे वे गिरने लगते हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने इस हादसे के बाद जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये कदम पर्याप्त होंगे? रहवासियों का कहना है कि प्रशासन को केवल हादसे के बाद ही नहीं, बल्कि पहले से ही इन कमजोर संरचनाओं की जांच और मरम्मत पर ध्यान देना चाहिए।

रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति

एनडीआरएफ और अन्य बचाव दलों ने बचाव कार्य में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब तक 55 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी चार से पांच लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बचाव दल लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी तरह से मलबे के नीचे फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

भविष्य की चुनौतियां

इस हादसे ने एक बार फिर से मुंबई और Navi Mumbai के कमजोर ढांचों की समस्याओं को उजागर कर दिया है। प्रशासन को चाहिए कि वे इन कमजोर ढांचों की जांच और पुनर्निर्माण पर ध्यान दें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।

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इंदिरा निवास बिल्डिंग का गिरना न केवल एक हादसा है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि हमें अपने शहरों के ढांचों की जांच और सुरक्षा पर अधिक ध्यान देना होगा। इस हादसे ने न केवल कई लोगों की जान को खतरे में डाला, बल्कि प्रशासन और समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।

स्थानीय प्रशासन और सरकार को इस हादसे से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। हमारे शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए हमें सभी कमजोर ढांचों की जांच और मरम्मत करनी होगी ताकि कोई और इंदिरा निवास जैसी घटना न हो सके।

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