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नेपाल: नागधुंगा-नौबिसे रोड पर भूस्खलन से बस हादसा, 63 लापता, 7 भारतीयों की मौत

भूस्खलन से त्रिशूली नदी में गिरीं बसें 63 लापता, 7 भारतीय यात्रियों की दर्दनाक मौत
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नमस्कार दोस्तों, नेपाल से एक ऐसा हादसा की खबर आ रही हैं, जिससे सिर्फ नेपाल ही नही भारतीय भी दुखी और चिंतित है, नेपाल के नागधुंगा-नौबिसे रोड पर एक बड़े भूस्खलन के कारण दो बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं, जिसमें 63 लोग लापता हो गए हैं और 7 भारतीयों की मौत हो गई है। यह हादसा गुरुवार रात को हुआ जब बसें काठमांडू से पोखरा जा रही थीं।

घटना का विवरण

नेपाल पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, नागधुंगा-नौबिसे रोड पर अचानक हुए भूस्खलन ने बसों को नदी में गिरा दिया। इन बसों में लगभग 70 यात्री सवार थे। यह इलाका भूस्खलन के लिए जाना जाता है, खासकर मानसून के दौरान, लेकिन इस बार की घटना ने सभी को चौंका दिया है।

राहत और बचाव कार्य

नेपाल पुलिस, सेना और स्थानीय बचाव दल घटनास्थल पर जुटे हुए हैं और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। लेकिन भूस्खलन और नदी की तेज धारा के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं। अब तक बचाव दल ने कुछ यात्रियों को सुरक्षित निकाला है, लेकिन 63 लोग अभी भी लापता हैं। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नेपाल सरकार ने और अधिक संसाधन तैनात किए हैं।

भारत से हजारो लोग रोजाना करते है यात्रा 

यह हादसा न केवल नेपाल बल्कि भारत के लिए भी चिंताजनक है। नेपाल और भारत के बीच करीबी संबंध हैं, दोनों देशो के बिच में रोज हजारो लोग यात्रा करते हैं, ज्यादातर लोग बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग अपने आँख दिखाने जाते हैं क्यूंकि नेपाल में अच्छे डॉक्टर और पैसे भी कम लगते हैं, इसी कारण अक्सर भारतीय लोग आते जाते रहते हैं|

भारतीय दृष्टिकोण

इस तरह की घटनाओं का प्रभाव दोनों देशों पर पड़ता है। इस हादसे में 7 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है, जो बेहद दुखद है। भारतीय पर्यटक भी नेपाल की यात्रा पर होते हैं और इस घटना से उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है। भारतीय दूतावास ने नेपाल में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

नेपाल के प्रधानमंत्री ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और राहत कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी और प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।

सड़क परिवहन प्रभावित

हादसे के बाद नागधुंगा-नौबिसे रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है और वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मार्ग काठमांडू और पोखरा के बीच प्रमुख सड़क मार्ग है और इसके बंद होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

निष्कर्ष

नेपाल में भूस्खलन के कारण हुए इस बड़े हादसे ने कई परिवारों को प्रभावित किया है। 63 लोग अभी भी लापता हैं और राहत कार्य तेजी से चल रहा है। इस हादसे में 7 भारतीय नागरिकों की मौत भी हुई है, जो भारतीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल और भारत दोनों के लिए यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है, खासकर मानसून के दौरान भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए। सरकार और स्थानीय प्रशासन पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस हादसे में प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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