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वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन: जमीन वेरिफिकेशन अनिवार्य और मदरसों की जांच में अनियमितताएं

After the Wakf Board Amendment
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल कल यानी 5 अगस्त को संसद में पेश किया जा सकता है। संसद में इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती की संभावना जताई जा रही है।

कैबिनेट की मुहर और प्रस्तावित बदलाव: शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन पर मुहर लग गई है। प्रस्तावित बिल में मौजूदा एक्ट के कुछ क्लॉज को हटाने का प्रस्ताव भी है। कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दी है। नए बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक, किसी भी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना अनिवार्य हो जाएगा। बिल में राज्य वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली विवादित जमीनों का नए सिरे से वेरिफिकेशन करने का भी प्रस्ताव है।

वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन और धारा में बदलाव: प्रस्तावित बिल में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में भी बदलाव किया जाएगा जिससे केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव हो सकेगा। नए बिल के ड्राफ्ट में जिला मजिस्ट्रेट को वक्फ संपत्तियों की निगरानी का अधिकार भी मिल सकता है।

पृष्ठभूमि: तमिलनाडु का मामला: वक्फ बोर्ड से जुड़े इस नए बिल के पीछे साल 2022 का एक मामला है जिसमें तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने थिरुचेंदुर गांव को अपनी संपत्ति बताया था। इस गांव की ज्यादातर आबादी हिंदू है।

सियासत की शुरुआत: केंद्र सरकार के वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन को सदन में पेश करने से पहले ही सियासत शुरू हो गई है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला और वक्फ बोर्ड की ऑटोनॉमी छीनने का आरोप लगाया। वहीं, कई मुस्लिम धर्म गुरुओं ने सरकार के फैसले का स्वागत किया जबकि कुछ इसके विरोध में हैं।

वक्फ बोर्ड अधिनियम

विभिन्न प्रतिक्रियाएं:

  • असदुद्दीन ओवैसी: “मोदी हुकूमत वक्फ बोर्ड की ऑटोनॉमी को छीनना चाहती है और वह इंटरफेयर करना चाहती है।”
  • मौलाना सुफियान निजामी: “संशोधन बिल लाने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि नया कानून लाना और बिल में ही संशोधन करना किसी भी तरीके से मुनासिब नहीं होगा।”
  • बरेली के उलेमा: “केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और बिल में कड़े प्रावधान लाने की मांग की।”
  • विश्व हिंदू परिषद: “वक्फ बोर्ड कानून को मनमाना बताया और इसमें संशोधन करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया।”

वक्फ बोर्ड का कार्य और संपत्ति: वक्फ बोर्ड का काम किसी भी शख्स द्वारा अल्लाह या इस्लाम के नाम पर दान की गई संपत्ति की देखरेख करना है। वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को इन्वेस्ट करता है और इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न को जनहित के काम में खर्च किया जाता है। पूरे देश में अभी 32 वक्फ बोर्ड हैं और वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में वक्फ बोर्ड की 8,70,000 संपत्तियां हैं जो 9,400 एकड़ जमीन में फैली हुई हैं।

विवादित मदरसा मामला: मध्य प्रदेश के रतलाम से संचालित एक मदरसा विवादों में घिर गया है। यहां मदरसे में दी जाने वाली तालीम और बच्चियों की सुविधा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दो दिन पहले बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने रतलाम के इस मदरसे का औचक निरीक्षण किया था और कई अनियमितताएं पाई गईं।

मदरसे में अनियमितताएं: जांच के दौरान पाया गया कि मदरसे के हॉस्टल में करीब 100 बच्चियों को रखा गया था जिनमें से आधी से ज्यादा बच्चियों के नाम किसी स्कूल में दर्ज नहीं थे। मदरसे में बच्चियों को स्कूली शिक्षा नहीं दी जा रही थी और उन्हें सिर्फ मुस्लिम तालीम दी जा रही थी। मदरसे में हर जगह कैमरे लगाकर बच्चियों की निगरानी हो रही थी और उनके सोने वाले कमरे में भी कैमरे लगे हुए थे। जांच के बाद ये कैमरे हटा दिए गए।

मदरसा बोर्ड से पंजीकरण नहीं: रतलाम का यह मदरसा मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड से पंजीकृत भी नहीं है। बाल संरक्षण आयोग की दविश के बाद मदरसे में व्यवस्थाओं को बदला गया और मदरसा मैनेजमेंट ने बच्चों की पढ़ाई, दवाई और सुरक्षा का दावा किया।

यूपी सरकार का मदरसों पर बयान: उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने मदरसों को लेकर बयान दिया। राज्यमंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने देश के सभी मदरसों को बंद करने की मांग की और आरोप लगाया कि मदरसों में बच्चों को आतंकी गतिविधियों की तालीम दी जाती है। उन्होंने कहा कि मदरसे अपराधियों को पैदा करते हैं और अपराध कराते हैं।

ध्यान देने वाली बात:

  • रघुराज सिंह: “मदरसे में बैठने वाले 90% बच्चे अपराधी और आतंकवादी बनते हैं।”
  • मदरसों की फंडिंग: उन्होंने मदरसों की फंडिंग पर भी सवाल उठाए और इसकी जांच की मांग की।

अयोध्या गैंग रेप मामला: यूपी सरकार ने आरोपी मोइन खान पर कार्रवाई की और इस मुद्दे पर सियासी टकरार भी बढ़ गई। बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने अयोध्या पहुंचकर रेप पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और आर्थिक मदद दी।

अखिलेश यादव का बयान: अखिलेश यादव के डीएनए टेस्ट की मांग पर बीजेपी ने पलटवार किया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर जोरदार पलटवार किया और कहा कि अखिलेश यादव निषाद समाज की पीड़ित बेटी के मामले में गुमराह ना करें।

मायावती का समर्थन: बीएसपी अध्यक्ष मायावती बुलडोजर कार्रवाई के समर्थन में खड़ी नजर आईं और बीएसपी का एक प्रतिनिधि मंडल भी पीड़ित के घर भेजा।

पीड़ित परिवार को धमकी: पीड़ित की मां ने बताया कि पुलिस को बताने के बाद भी उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं और मामले में समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है।

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निष्कर्ष: वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन पर केंद्र सरकार की तैयारी और इसके पीछे की सियासत के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दे उभरकर सामने आए हैं। चाहे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की देखरेख हो या मदरसों की जांच, इन सभी मामलों में सरकार की सख्ती और विपक्ष की प्रतिक्रिया ने देश में एक नई बहस को जन्म दिया है। आने वाले दिनों में संसद में इस बिल के पास होने के बाद इसके प्रभाव को देखना दिलचस्प होगा। जनता और संबंधित समुदायों की प्रतिक्रियाएं भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
  2. मदरसों की जांच और अनियमितताओं का खुलासा।
  3. यूपी सरकार का मदरसों पर सख्त रुख।
  4. अयोध्या गैंग रेप मामले में सियासी विवाद।

इस तरह की घटनाओं और बदलावों के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन मुद्दों पर किस प्रकार का समाधान निकाला जाता है और इनसे संबंधित समुदायों के हितों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है।

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