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Rao IAS accident: दिल्ली में कोचिंग संस्थानों पर उठे सवाल

RAO IAS कोचिंग सेंटर हादसा
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नई दिल्ली: राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना ने न केवल कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि सरकार और प्रशासन को भी कठघरे में ला खड़ा किया है। राजधानी के Rajendra Nagar में स्थित इस कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या हमारे Delhi coaching center safety of students के प्रति गंभीर हैं?

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Rao IAS accident का विवरण और उसकी पृष्ठभूमि

घटना Rajendra Nagar के राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुई, जो UPSC की तैयारी के लिए जाना जाता है। कुछ मिनटों की बारिश के बाद हुए इस हादसे ने पूरे देश को चौंका दिया। हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई और इसके बाद से सैकड़ों छात्रों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि Delhi coaching center में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते ऐसी दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 105, 106, 152, 290 और 35 के तहत FIR दर्ज की है। यह गिरफ्तारियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।

Delhi Coaching Incident Rao IAS accident

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

दिल्ली सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को इस मामले में जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। आतिशी ने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जानी चाहिए, ताकि इस मामले में दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की प्रतिक्रिया

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में डिवीजनल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बेसिक मेंटेनेंस सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका था। उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर से मंगलवार तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

एमसीडी की कार्रवाई और बुलडोजर ऑपरेशन

दिल्ली की मेयर शैली ओब्राय ने एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिया है कि बेसमेंट में व्यवसायिक गतिविधियां चलाने वाले कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। एमसीडी ने इस आदेश के तहत अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर ऑपरेशन शुरू कर दिया है। ओल्ड Rajendra Nagar में एमसीडी के बुलडोजर पहुंच चुके हैं और अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

मामला हाई कोर्ट में

यह मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट भी पहुंच चुका है। राष्ट्रीय प्रवासी मंच ने इस मामले में स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने और हादसे पर उचित मुआवजा देने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और राव आईएएस कोचिंग को इस याचिका में पक्षकार बनाया है। याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में मामले की जांच कराने की भी मांग की गई है।

संसद में स्थगन प्रस्ताव

इस मुद्दे को लेकर संसद में भी हलचल मच गई है। कांग्रेस सांसद डॉ अमर सिंह ने इस कोचिंग हादसे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव रखा है। उन्होंने स्टूडेंट्स की मौत की जवाबदेही की मांग की है और कहा कि इस मामले में जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

हादसे के बाद उठे सवाल और सुझाव

हादसे के बाद से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक छात्रों की जान इस तरह की लापरवाही के कारण जाती रहेगी। छात्रों और अभिभावकों ने कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा के मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  1. कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा: कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। सुरक्षा मानकों की नियमित जांच होनी चाहिए।
  2. सरकारी निगरानी: सरकार को कोचिंग संस्थानों की नियमित निगरानी करनी चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
  3. छात्रों की जागरूकता: छात्रों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी तरह की लापरवाही की शिकायत संबंधित अधिकारियों से करनी चाहिए।

Bihar Reservation विवाद: Supreme Court का ताजा फैसला और आगामी सुनवाई

राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने न केवल safety of students पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी पर भी उंगली उठाई है। इस घटना के बाद लिए गए कदम महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह देखना होगा कि ये कदम कितने प्रभावी होते हैं। safety of students को सुनिश्चित करना सरकार और Delhi coaching center की प्राथमिकता होनी चाहिए।

आखिरकार, इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। सरकार और प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।

अगर आपके मन में इस मामले को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें। हम आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे और इस मामले पर आपके विचार जानना चाहेंगे।

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