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Lucknow की शान: 5 प्रमुख स्थलों की सैर

Lucknow की शान 5 प्रमुख स्थलों की सैर
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उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow की शान में जितना भी कहा जाए, कम ही लगता है। नज़ाकत और नफ़ासत का यह बेहद खूबसूरत शहर नवाबों के शहर के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है। जितनी मीठी यहां की बोली है, उतने ही लुभावने यहां के पुराने बाजार हैं। इतिहास में अपनी एक अलग पहचान लिए हुए यह शहर वास्तुकला के एक से एक नमूनों को खुद में समेटे हुए है। साथ ही Lucknow के अवधी खाने की सारी दुनिया ही दीवानी है।

लखनऊ जितना ही हमें इतिहास से जोड़ता है, उतना ही खुद में मॉडर्न भी है। यही वजह है कि कोई भी पर्यटक, चाहे देसी हो या विदेशी, लखनऊ के दौरे को अपनी विश लिस्ट में रखता ही है। अगर आप भी लखनऊ की खूबसूरती के मुरीदों में से एक हैं, तो यह आर्टिकल आपको आपके Lucknow दौरे के लिए पूरी तरह से तैयार करने में मदद करेगा।

वैसे तो लखनऊ में हर एक स्थान ही अपने आप में खास है, जहां भी आप चाहें घूम सकते हैं, लेकिन फिर भी हम आज के इस आर्टिकल में 5 ऐसी Lucknow की लोकेशन के बारे में बात करेंगे, जहां पर आपको घूमना चाहिए।

1. बड़ा इमामबाड़ा

Lucknow के प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों में गिना जाने वाला बड़ा इमामबाड़ा, जिसे आसफी इमामबाड़ा भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक स्मारक है जिसका निर्माण 1784 में हुआ था। यह अवध के प्रसिद्ध नवाबों में से एक आसफ़-उद-दौला द्वारा बनवाया गया था। इस परिसर में एक बड़ी मस्जिद (असफी मस्जिद), एक भूल भुलैया, और बहता पानी वाली एक बावड़ी (शाही बावली) शामिल है।

इस संरचना में दो बड़े प्रवेश द्वार हैं जो आपको केंद्रीय हाल तक ले जाते हैं, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा गुंबददार कक्ष माना जाता है। बड़ा इमामबाड़ा देखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षक है। यहां आप सुबह से शाम तक कभी भी आ सकते हैं और घूम सकते हैं। यहां आने की प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 25 रुपए और विदेशी नागरिकों के लिए 500 रुपए है।

2. छोटा इमामबाड़ा

छोटा इमामबाड़ा, जिसे इमामबाड़ा हुसैनाबाद मुबारक भी कहा जाता है, की भव्य ऐतिहासिक संरचना का निर्माण 1838 में अवध के तीसरे नवाब मुहम्मद अली शाह द्वारा किया गया था। इसे शिया समुदाय के भक्तों के लिए एक मंडली हाल के रूप में बनाया गया था। हालांकि, बाद में यह स्थान नवाब और उनकी मां की समाधि के रूप में भी काम आया।

संरचना के आंतरिक भाग को बेल्जियम से लाए गए झूमर और क्रिस्टल लैंपो से खूबसूरती से सजाया गया, जिसके कारण इसे रोशनी का महल उपनाम मिला। बाहरी हिस्से में जटिल इस्लामी सुलेख के तत्व हैं, जो इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। यहां पर सुबह 6:00 बजे से शाम 5:00 तक कभी भी आ सकते हैं। यहां की प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए 25 रुपए और विदेशी नागरिकों के लिए 300 रुपए है।

3. सतखंडा

Lucknow में स्थित सतखंडा एक प्रतिष्ठित वॉच टावर है, जो 1800 के दशक की एक अधूरी चार मंजिला संरचना है। राजा मोहम्मद अली शाह, जिन्होंने इस इमारत का निर्माण शुरू किया था, ने इसे सात मंजिलों वाला टावर बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन उनके असामयिक निधन के कारण केवल चार मंजिलें ही पूरी हो सकी थीं। टावर की डिजाइन पीसा की झुकी हुई मीनार से प्रेरित है, जो इसे लखनऊ में देखने के लिए दिलचस्प स्मारकों में से एक बनाता है। इसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। आप इसे सातों दिन में से किसी भी दिन जाकर देख सकते हैं और यहां प्रवेश भी निशुल्क है।

4. रूमी दरवाजा

अवध शैली की वास्तुकला की भव्यता को देखने के लिए रूमी दरवाजा का रुख करें, जो बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा के बीच स्थित एक भव्य प्रवेश द्वार है। सन 1784 में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा निर्मित यह प्रवेश द्वार लगभग 60 फीट लंबा है। चूंकि यह गेट इस्तांबुल के सबलिम पोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है, इसलिए इसे तुर्की गेट भी कहा जाता है। यह गेट काफी भव्य और सुंदर है। इसे देखने के लिए आप सप्ताह के सातों दिन में से कोई भी दिन 24 घंटे कभी भी आ सकते हैं और यहां प्रवेश निशुल्क है।

5. हुसैनाबाद घंटाघर

रूमी दरवाजा के निकट स्थित हुसैनाबाद घंटाघर, Lucknow का एक और विरासत स्मारक है। इसे सन् 1881 में हुसैनाबाद ट्रस्ट द्वारा 1.75 लाख की लागत से निर्मित किया गया था, जो 221 फीट ऊंचा है। यह संरचना लंदन के बिग बेन ब्लॉक टावर की तर्ज पर बनाई गई है। घड़ी को 12 पंखुड़ियों वाले फूल की तरह डिजाइन किया गया है और इसका पेंडुलम 14 फीट लंबा है। यह देश का सबसे ऊँचा ब्लॉक टावर के रूप में प्रसिद्ध है और इसमें वास्तुकला की गोथिक और विक्टोरियन शैली का सुंदर संगम है। इसे कभी भी देख सकते हैं और यहां भी प्रवेश निशुल्क है।

निष्कर्ष

Lucknow एक ऐसा शहर है जहां इतिहास और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, सतखंडा, रूमी दरवाजा, और हुसैनाबाद घंटाघर जैसी जगहें आपको लखनऊ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराती हैं। अगर आप भी इतिहास के प्रेमी हैं और वास्तुकला की बारीकियों को समझना चाहते हैं, तो लखनऊ का दौरा आपके लिए एक यादगार अनुभव होगा। इसलिए, अगली बार जब भी आप यात्रा की योजना बनाएं, लखनऊ को अपनी सूची में शामिल करना न भूलें।

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