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योगी सरकार का बड़ा फैसला: पैतृक संपत्तियों के बंटवारे में राहत

योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान पैतृक संपत्तियों के बंटवारे का नया रास्ता साफ
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पैतृक संपत्तियों के बटवारे का रास्ता साफ, योगी सरकार ने दी बड़ी राहत

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर आ रही है, जिसमें योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए पैतृक संपत्तियों के बंटवारे का रास्ता साफ कर दिया है। इस फैसले से प्रदेश की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली में संशोधन का आदेश पारित किया है, जिससे पैतृक संपत्तियों के बंटवारे में सुविधा होगी।

उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली में बदलाव

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली की धारा-39 और 45 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। धारा-39 में संपत्ति के बांटवारे और धारा-45 में सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी। अब तक पैतृक संपत्तियों के बंटवारे के लिए 30 फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब नाम मात्र का पैसा लेकर संपत्तियों का बंटवारा किया जाएगा। एग्रीमेंट के लिए पहले 4 फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता था, किंतु अब 500 से 1000 रुपए के स्टांप पर पंजीकृत एग्रीमेंट की सुविधा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली में संशोधन करते हुए जनता को सीधे राहत देने का फैसला किया है। इसमें दो प्रमुख संशोधन किए जाएंगे:

  1. मकान मालिक और किराएदार के बीच एग्रीमेंट: उत्तर प्रदेश रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत मकान मालिक और किराएदार के बीच केवल 500 से 1000 रुपये के स्टांप पर पंजीकृत एग्रीमेंट की सुविधा दी जाएगी।
  2. पैतृक संपत्तियों के बंटवारे में राहत: पैतृक संपत्तियों के बंटवारे के लिए 30 फीसदी स्टांप शुल्क के स्थान पर नाम मात्र का शुल्क लिया जाएगा।

केंद्र सरकार का आदर्श किराएदारी अधिनियम-2021

केंद्र सरकार ने आदर्श किराएदारी अधिनियम-2021 को बनाते हुए देश के सभी राज्यों को भेजा था, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश में यह कानून बन चुका है। इसमें मकान मालिक और किराएदारों के हितों के संरक्षण की बात कही गई है। प्रदेश में अब तक पंजीकृत एग्रीमेंट के लिए चार फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता था, जिससे लोग इसे पंजीकृत कराने से बचते थे और 100 रुपये के स्टांप पर किराएनामा तैयार कर लेते थे। इससे विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को राहत नहीं मिल पाती थी। अब इस समस्या को दूर करने के लिए स्टांप शुल्क के स्थान पर 500 से 1000 रुपये के स्टांप पर पंजीकृत एग्रीमेंट की सुविधा दी जाएगी।

पैतृक संपत्तियों के बंटवारे का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली की धारा-39 और 45 में संशोधन किया जाएगा। धारा-39 में संपत्ति के बांटवारे और धारा-45 में सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी। पैतृक संपत्तियों के बंटवारे के लिए मौजूदा समय 30 फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता है, जिससे संपत्तियों का अगला बंटवारा नहीं हो पा रहा था। आपसी समझौते से संपत्तियों का बंटवारा कराने के लिए कुटुंब रजिस्टर पर परिवार के सदस्यों को नाम स्टांप शुल्क देकर चढ़वाना पड़ता था और विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट में जाना पड़ता था। अब इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नाम मात्र का पैसा लेकर संपत्तियों का बंटवारा किया जाएगा।

स्टांप एवं न्यायालय शुल्क में बदलाव

स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश स्टांप नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। पहला संशोधन पंजीकृत किराएनामें की सुविधा नाम मात्र के पैसे पर देने का है और दूसरा पैतृक संपत्तियों के बंटवारे के लिए 30 फीसदी स्टांप शुल्क लेने की व्यवस्था समाप्त करने का है। जल्द ही इसे कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराने की तैयारी है।

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योगी सरकार का यह निर्णय प्रदेश की जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। पैतृक संपत्तियों के बंटवारे और पंजीकृत किराएनामें के लिए अब लोगों को भारी स्टांप शुल्क का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। इस फैसले से विवादों का समाधान सरल हो जाएगा और संपत्तियों का बंटवारा भी सुगमता से हो सकेगा। यह कदम प्रदेश की जनता के हित में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और इससे समाज में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

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