बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो न कही जाए और न सही जाए, किंतु आज हम इसी बीमारी को विस्तार से समझेंगे और इसके कारणों तथा उपायों पर भी नजर डालेंगे।
बवासीर के प्रकार
अंदरूनी बवासीर अंदर की बवासीर में मस्से अंदर की ओर होते हैं। गोल-चपटे उभरे हुए मस्से चने और मसूर के दाने के बराबर भी होते हैं। कब्ज की वजह से जब अंदर का मस्सा शौंच करते समय जोर लगाने पर बाहर आ जाता है तो मरीज दर्द से तड़प उठता है और मस्से छिल जाए तो जख्म हो जाता है।
बाहरी बवासीर बाहर की बवासीर में मस्सा गुदा वाली जगह पर होता है, इसमें दर्द नहीं होता है। कभी-कभी मीठी खारिश या खुजली होती है। कब्ज होने पर इससे इतना खून आने लगता है कि मरीज खून देखकर घबरा जाता है और चेहरा भी पीला पड़ जाता है।
बवासीर के लक्षण
हाजमे की खराबी बवासीर के मरीज का हाजमा खराब हो जाता है, भूख नहीं लगती है, कब्ज रहने लगती है, पेट में कभी-कभी गैस बनने लगती है।
शारीरिक कमजोरी मेदा, दिल, जिगर कमजोर हो जाते हैं। आमतौर पर शारीरिक कमजोरी हो जाती है। मरीज के मुंह पर हल्की सूजन भी आ जाती है।
बवासीर के उपचार
रीठे का प्रयोग 50 ग्राम रीठे लेकर तवे पर रखकर कटोरी से ढक दें और तवे के नीचे आधा घंटा आग जलाएं। रीठे भस्म हो जायेंगे। ठंडा होने पर कटोरी हटाकर बारीक करके रीठे की भस्म 20 ग्राम, कत्था सफेद 20 ग्राम, कुश्ता फौलाद 3 ग्राम सबको बारीक करके मिला लें। वजन खुराक 1 ग्राम सुबह को और एक ग्राम शाम को, 20 ग्राम मक्खन में रखकर खाएं। ऊपर से 250 ग्राम गर्म दूध पिएं। 10-15 दिन नियमित प्रयोग से खूनी, बादी बवासीर को दूर करने में सहयोग मिलता है।
परहेज
इन दिनों गुड़, गोश्त, शराब, आम, अंगूर आदि न खाएं ताकि कब्ज को होने से रोका जा सके। इन चीजों के परहेज के साथ नीचे दिए गए मरहम का प्रयोग अधिक लाभ देगा।
बवासीर मरहम
मरहम की सामग्री वैसलीन सफेद 50 ग्राम, कपूर 6 ग्राम, सल्फादायजीन की 3 गोली, बोरिक एसिड 6 ग्राम। इन सबको बारीक करके वैसलीन में मिलाकर रात को सोते समय और सुबह शौच जाने से पहले दिन में एक बार रोजाना उंगली के साथ अंदर और बाहर मस्सों पर लगाएं।
खूनी बवासीर मरहम गैंदे के हरे पत्ते 10 ग्राम, काली मिर्च 5 दाने, कूंजा मिश्री 10 ग्राम, 60 ग्राम पानी में रगड़कर छान लें और 4 दिन तक एक-एक बार पिएं। ऐसे में गर्म चीजें न खाएं और न ही कब्ज होने दें अन्यथा भारी दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
बवासीर से बचाव के घरेलू उपाय
पानी का सेवन दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इससे कब्ज की समस्या कम होगी और बवासीर के मस्से सूख जाएंगे।
फाइबर युक्त भोजन अपने आहार में अधिक से अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें जैसे हरी सब्जियाँ, फल, और साबुत अनाज।
योग और व्यायाम नियमित योग और व्यायाम करें। इससे शरीर सक्रिय रहेगा और कब्ज की समस्या नहीं होगी।
तलवों की मालिश रात को सोते समय तिल के तेल से तलवों की मालिश करें। इससे रक्त संचार बढ़ता है और बवासीर के दर्द में राहत मिलती है।
एलोवेरा जेल एलोवेरा जेल को मस्सों पर लगाने से जलन और खुजली में राहत मिलती है।
बवासीर के प्राकृतिक उपचार
तुलसी के पत्ते तुलसी के पत्तों का रस निकालकर सुबह खाली पेट सेवन करें। इससे बवासीर में आराम मिलता है।
अंजीर रात को 3-4 अंजीर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट सेवन करें। यह बवासीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।
बवासीर के इलाज में चिकित्सक की भूमिका
नियमित चेकअप बवासीर के मरीज को नियमित चेकअप करवाना चाहिए ताकि बीमारी का सही समय पर पता चल सके और उपचार किया जा सके।
चिकित्सक की सलाह डॉक्टर की सलाह से ही किसी भी उपचार को अपनाएं। घरेलू उपाय और चिकित्सीय उपचार में सामंजस्य रखें।
सर्जरी का विकल्प यदि बवासीर बहुत अधिक बढ़ गई हो और किसी भी उपचार से आराम न मिल रहा हो, तो सर्जरी का विकल्प अपनाया जा सकता है।
बवासीर के मरीज के लिए सुझाव
आरामदायक जीवनशैली आरामदायक जीवनशैली अपनाएं। लंबे समय तक एक ही जगह न बैठें। थोड़ी-थोड़ी देर में चलें-फिरें।
तनाव मुक्त जीवन तनाव मुक्त जीवन जीने का प्रयास करें। योग और ध्यान से मानसिक शांति प्राप्त करें।
स्वच्छता का ध्यान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। शौचालय का उपयोग करने के बाद अच्छी तरह से सफाई करें।
नशे से दूर रहें शराब, तंबाकू और अन्य नशे की चीजों से दूर रहें। यह बवासीर को बढ़ा सकते हैं।
बवासीर के इलाज में समाज की भूमिका
सहायता समूह समाज में सहायता समूह बनाए जा सकते हैं जहाँ लोग अपनी समस्याओं को साझा कर सकें और सुझाव प्राप्त कर सकें।
जागरूकता अभियान जागरूकता अभियान चलाए जाएं जिससे लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके और वे समय रहते उपचार करा सकें।
निष्कर्ष
बवासीर एक गंभीर बीमारी है लेकिन सही समय पर उपचार और घरेलू उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह से उपचार करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।
FAQs
बवासीर के लक्षण क्या हैं?
बवासीर के लक्षणों में हाजमे की खराबी, भूख न लगना, कब्ज, पेट में गैस, और शारीरिक कमजोरी शामिल हैं।
क्या बवासीर का घरेलू इलाज संभव है?
हाँ, बवासीर का घरेलू इलाज संभव है लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही किसी भी घरेलू उपाय को अपनाएं।
बवासीर के इलाज में कौन से आहार लाभकारी हैं?
फाइबर युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियाँ, फल, और साबुत अनाज बवासीर के इलाज में लाभकारी हैं।
क्या बवासीर की सर्जरी जरूरी है?
यदि बवासीर का दर्द बहुत बढ़ गया हो और अन्य उपचारों से आराम न मिल रहा हो, तो सर्जरी का विकल्प अपनाया जा सकता है।
बवासीर से बचने के लिए क्या करें?
पानी का अधिक सेवन करें, फाइबर युक्त आहार लें, नियमित योग और व्यायाम करें, और तनाव मुक्त जीवन जीने का प्रयास करें।