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बिहार में 15 दिन में 12 पुल गिरे, बना विश्व रिकॉर्ड:एक ही दिन में पांच पुल गिरे

बिहार में 15 दिन में 12 पुल गिरे, बना विश्व रिकॉर्ड एक ही दिन में पांच पुल गिरे
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नमस्कार दोस्तों आशा करते हैं आपसे बहुत ही अच्छे होंगे अभी-अभी एक बहुत ही बड़ी खबर आ रही है कि बिहार में फिर से एक और पुल गिर चुका है, कहां पुल गिरा है कैसे गिरा जानेंगे पूरी जानकारी

बिहार की जनता एक बार फिर से नीतीश कुमार सरकार से नाराज है लगातार पुल गिरने के खबर बिहार में अब आम बन चुका है अभी मानसून की पहली बारिश हुई नहीं की फिर से पुल गिरने का सिलसिला चालू हो चुका है हालांकि इस पर विपक्ष का पूरा का पूरा आरोप नीतीश कुमार की सरकार के ऊपर लगाई जा रही है लगातार पुल गिरने के चलते सुप्रीम कोर्ट में दाखिल खारिज करने की मांग की गई है|

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

बृजेश सिंह ने याचिका दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि बिहार के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इसके ऊपर किसी की भी नजर नहीं है मैं सुप्रीम कोर्ट से यह अनुग्रह करता हूं कि बिहार के सभी पुलों की एक बार फिर से जांच होनी चाहिए जिसमें कमजोर फूल को गिरकर वहां नव निर्मित पुल बनाए जाने चाहिए और बृजेश सिंह ने अपने याचिका में यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट बिहार के क्षेत्र में आने वाले पुलों के लिए सेंसर का उपयोग करें पुलों की मजबूती की निगरानी करने के लिए और यह एक अनिवार्य दिशा निर्देश होना चाहिए|

बिहार के कौन-कौन से जिले में सबसे ज्यादा पुल गिरा

अब तक छोटे बड़े पुल मिलाकर15 ऐसे पुल ध्वस्त हो चुके हैं, जिनमें से सबसे बड़ी संख्या अररिया जिले की है, अररिया जिले में अब तक 6 पुल की गिरने की खबर आ रही है और सभी के सभी पुल नदी के किनारे बने हुए हैं, हालांकि पुलों के गिरने का यह भी कारण बताया जा रहा है की मिट्टी कटाव के चलते पुलों की नीव कमजोर हो चुकी है जिसके चलते लगातार पुल गिर रहे हैं |

5 पुल एक दिन में गिरे

आ रही खबर के अनुसार बिहार में सिवान में छपरा जिले में एक ही दिन में गंडकी और धम्ही नदी पर बने पांच फूल गिर गए इनमें तीन पुल सिवान व दो छपरा जिले में है, पांच पुल के गिरने से कुल 50 गांव का आवागमन बाधित हो चुका है 50 गांव पर भारी असर पड़ा है|

बिहार में लगातार क्यों गिर रहे हैं पुल ?

प्रारंभिक साक्ष्य बताते हैं की नदी में अधिक गहराई तक मिट्टी कटाई से पुलों के पाए और उनकी गाइड वालों की बुनियाद एक्सपोज हो गए थे जिसके कारण नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ते ही यह हादसे हुए और लगातार पुल गिरते चले गए, गनीमत है की इससे किसी की भी जान हानि नहीं हुई है, हालांकि इससे गांव के बीच का संपर्क जरुर टूट चुका है.

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नीतीश कुमार का क्या कहना है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुराने पुलों की हालत जाने जाये, जरूरत के अनुसार मरम्मत व निर्माण का काम हो, पुलों की रेगुलर निगरानी हो ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के लिए तुरंत मेंटेनेंस पॉलिसी बनाएं |

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