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यूपी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से पेपर लीक का अंत

उत्तर प्रदेश में परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ नया कानून
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Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश से C.M योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला परीक्षा पेपर लीक और नकल के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने नई नीति जारी कर दी है.

उत्तर प्रदेश सरकार का पेपर लीक और नकल पर बड़ा फैसला, मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी कर दी है. नए नियमों के मुताबिक परीक्षा में गड़बड़ करने वालो के लिए काम से काम 3 साल और अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगेगा.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जाएगा। इसका सख्ती से पालन करने का आदेश जारी किया गया है। कैलेंडर के अनुसार परीक्षा की अनिच्छित विलंब से अभ्यर्थियों को नुकसान हो सकता है, इसलिए इसे महत्वपूर्ण माना गया है। सभी चयन आयोगों से समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर दिन केवल एक ही परीक्षा हो।

लोकसभा चुनाव में पेपर लीक का मुद्दा बहुत बड़ा था और इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया गया। इसके कारण चुनाव में भी असर देखने को मिला। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार अब इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेकर एक नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है। नए कानून में नकली शिक्षा या परीक्षा पेपर बेचने वालों माफियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन दिनों प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ दिनों में यूपी में कई पेपर लीक हुए है, जिसमे पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, और अब नीट और UGC नेट की परीक्षा के पेपर भी लीक होने के बाद पूरे देश में बहुत बवाल मचा है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ बड़े फैसले और सक्त से सक्त करवाही करने का निर्णय किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आयोजित बैठक में अलग अलग विभागों में रिक्त पदों के भर्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने चयन परीक्षाओं की निष्पक्षता, पारदर्शिता और गोपनीयता को सुनिश्चित करने का दायित्व दिया और कहा कि चयन प्रक्रियाओं में सुधार किया जाना चाहिए। नए कानून के चलते पेपर लीक और इनमे शामिल आरोपी पे कड़ी करवाही की जाएगी जिसमे बड़े जुर्माने से लेकर बुलडोजर एक्शन और जेल तक का एक्शन लिया जा सकता है.

इस दौरान योगी सरकार ने पेपर लीकेज को रोकने के लिए नई नीति लाने का फैसला किया है। जिसके चलते, हर परीक्षा केंद्र में कम से कम दो या दो से अधिक पेपर सेट होना अनिवार्य है। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र अलग-अलग एजेंसी के द्वारा छपाए जाने चाहिए और पेपर कोडिंग को भी व्यवस्थित किया जाएगा। परीक्षा केंद्र के रूप में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज या फिर अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले शैक्षिक संस्थान ही चुने जाएंगे। परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी अनिवार्य रहेगा साथ ही सीसीटीवी चालू हालत में होना चाहिए, परीक्षा केंद्र में बिजली और जनरेटर की व्यस्था होनी चाहिए|

नए नियमों के मुताबिक परीक्षा केंद्र बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन, और कोषागार से 10 किलोमीटर के दायरे में होगा. और इसके साथ ही केंद्र को तीन साल परीक्षा करने का अनुभव होना चाहिए

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